कावेरी से मिलने - The Indic Lyrics Database

कावेरी से मिलने

गीतकार - महबूब | गायक - आ.र. रहमान, स्वागत रात्ोड़, पूजा तिवारी | संगीत - ए.आर. रहमान | फ़िल्म - पीएस-1 (पोन्नियिन सेल्वन: I) | वर्ष - 2022

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हो कावरिया तेरी काया
अम्बर शीश झुकाये

धरती के माथे की रेखा दिखे तू
इठलाती बलखाती ऐसे चले तू
वीरों के डेरे हैं तेरे किनारे
घोड़ों की प्यासों को हैं तेरे धारे

कावेरी से मिलने चलते ही जाना है
शौख चंचल चलते ही जाना है
सुरमई शाम होगी मौसम सुहाना है
उसका आँचल चलते ही जाना है

खेतों के पार चलते ही जाना है
ऊँचे आबशार चलते ही जाना है
नहरों की कतार उसका खज़ाना है
माटी की पुकार वीरों ने जाना है

क्या प्यारे नज़ारें हैं सेम्बा सेम्बा
दिल को थामे हैं

फासलें सोने के जैसी सोने सोने के जैसी
कंकर मोती के जैसे मोती मोती के जैसे
जी कहे यहीं रुकने यहीं यहीं पे रुके
पर मंज़िल और है मंज़िल और ही है

सेम्बा रे वीरों ने जाना है
तड़-तड़-तड़ तड़-तड़-तड़ तड़-तड़-तड़
वीरों ने जाना है
हो कावेरी रे चलते ही जाना है

लाली लल्ला लाली लल्ला
गाये वो बुलाये मुझे वो
वीरों की ज़मीन को चले चूमने को
सीना तान के जैसे तीर के
यारा रुकना ना बढ़ता जा

कावेरी से मिलने चलते ही जाना है
शौख चंचल वीरों ने जाना है
सुरमई शाम होगी चलते ही जाना है
उसका आँचल वीरों ने जाना है

ओ रे नाज़नी चलते ही जाना है
तेरे संग ही वीरों ने जाना है
तेरी चाह में चलते ही जाना है
तेरे रंग ही वीरों ने जाना है

सोना लुटाये रे सूरज सेम्बा
चांदी बरसाए चंदा सेम्बा
सब्ज़ खेतों का जाला है सेम्बा
अटका है दिल मेरा रे अम्बा
रुकू कैसे

हो वक़्त बर्फ का टुकड़ा सेम्बा
हाथों से पिघले है सेम्बा
फ़र्ज़ है मेरे ज़िम्मे रे सेम्बा
हम तो अब चलते हैं अम्बा
यारा रे हवाओं के पर पे

दिलकशी दिलकशी
मिलेंगे हम तुझसे तो फिर कभी
दिलकशी दिलकशी
अभी तो मुझे जाना है और कहीं

कावेरी से मिलने चलते ही जाना है
शौख चंचल उसका खज़ाना है
सुरमई शाम होगी मौसम सुहाना है
उसका आँचल अपना दीवाना है

ओ रे नाज़नी चलते ही जाना है
तेरे संग ही चलते ही जाना है
तेरी चाह में चलते ही जाना है
तेरे रंग ही चलते ही जाना है

क्या प्यारे नज़ारें हैं
वीरों ने जाना है