कहाँ छुपे हो हो सावन के झुले पड़े - The Indic Lyrics Database

कहाँ छुपे हो हो सावन के झुले पड़े

गीतकार - भरत व्यास | गायक - लता मंगेशकर, तलत महमूद | संगीत - वसंत देसाई | फ़िल्म - प्यार की प्यास | वर्ष - 1961

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ल : कहाँ छुपे हो मन के मितवा नैना भए उदासे
छलक रहा है सुख का सागर हम प्यासे के प्यासेहो हो -२
सावन के झूले पड़े -२
सैंया जी हमें तुम कहाँ भूले पड़ेत : ये नैना जो तुमसे लड़े गोरी जी
तोरी पलकन के नीचे खड़े
ल : सावन के झूले पड़े ...तुम नहीं आए हमको भूले
हमरे अँगना फुलवा न फूले
हमको अकेली देख सहेली
कहती है क्यूँ ना खिलती चमेली
बेलरिया ना मंडवे चढ़े तो -२
सैंया जी हमें तुम ...
त : ये नैना जो तुमसे ...
ल : सावन के झूले पड़े ...त : तोरे दिल में हमरा दिल है
जैसे तोरे नैन में तिल है
हमरे मिलन बिन ये मनभावन
सावन भी तो क्या है सावन
पीपल के पतवे झड़े ओ -२
ये तोरे-मोरे जब तक न नैना लड़े
दो : सावन के झूले पड़े ...