ये तो बात है शराफत अली को शराफत ने मारा - The Indic Lyrics Database

ये तो बात है शराफत अली को शराफत ने मारा

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - कविता कृष्णमूर्ति, मुन्ना अजीज, महेंद्र जायसवाल | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - अमृत | वर्ष - 1986

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ये तो बात है लोग कम जानते हैं
हमने किसे मारा ये हम जानते हैं
किसी को किसी की मोहब्बत ने मारा
किसी को किसी की अदावत ने मारा
शराफ़त अली को शराफ़त ने मारा
किसी को किसी की ...फ़लक पर ज़मीं पर कहीं न कहीं पर
बनी सख्त उलझन बना वक़्त दुश्मन
मेरे ग़म गुसारों मुक़द्दर के मारों
किसी को ना छोड़ा भरम सबका तोड़ा
अमीरों को दुनिया में दौलत ने मारा
गरीबों को दुनिया में गुरबत ने मारा
शराफ़त अली को ...दोस्तों हर बात के मतलब हैं दो
एक है मुंह में जुबां और लब हैं दो
हम कंवारे थे तो मसला एक था
हो गई शादी तो मसले हैं दो
हुई तुमसे शादी गई उम्र आधी
मिला रोज़ सदमा मिटा न मुकदमा
उड़ी मुंह से लाली हुई जेब खाली
दलीलों से तौबा वकीलों से तौबा
मुझे हाय तेरी वक़ालत ने मारा
तुझे हाय मेरी अदालत ने मारा
शराफ़त अली को ...किया तंग ग़म ने मगर फिर भी हमने
कसम ये न तोड़ी शराफ़त न छोड़ी
नज़ाकत न छोड़ी सदाकत न छोड़ी
अगरचे जहां में हर एक इम्तेहां में
नज़ाकत अली को नज़ाकत ने मारा
सदाकत अली को सदाकत ने मारा
शराफ़त अली को ...वकालत को छोड़ो बनो तुम गवइया
कमा लो रुपइया ओ बबुआ ओ भइया
गज़ल खूब गाई ओ शाबा ओ शाबा
तेरे नाम कीत्ता ओ तेरे नाम कीत्ता मैं छज्जू दा ढाबा
किसी को किसी की शराफ़त ने मारा
किसी को किसी की शिकायत ने मारा
शराफ़त अली को ...