खोया खोया चंद खुला आसमान: - The Indic Lyrics Database

खोया खोया चंद खुला आसमान:

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - काला बाजार | वर्ष - 1960

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खोया-खोया चांद, खुला आसमां
आँखों में सारी रात जाएगी
तुमको भी कैसे नींद आएगी, हो
खोया-खोया ...मस्ती भरी, हवा जो चली
खिल-खिल गई, ये दिल की कली
मन की गली में है खलबली
कि उनको तो बुलाओ, ओ हो ...
खोया-खोया चांद ...तारे चले, नज़ारे चले
संग-संग मेरे वो सारे चले
चारों तरफ़ इशारे चले
किसी के तो हो जाओ, ओ हो ...
खोया-खोया चांद ...ऐसी ही रात, भीगी सी रात
हाथों में हाथ, होते वो साथ
कह लेते उनसे दिल की ये बात
अब तो ना सताओ, ओ हो ...
खोया-खोया चांद ...हम मिट चले, जिनके लिये
बिन कुछ कहे, वो चुप-चुप रहे
कोई ज़रा ये उनसे कहे
न ऐसे आजमाओ, ओ हो ...
खोया-खोया चांद ...