बहुत हसीन हैं तुम्हारी आंखें - The Indic Lyrics Database

बहुत हसीन हैं तुम्हारी आंखें

गीतकार - प्रेम धवन | गायक - मोहम्मद रफ़ी, सुमन कल्याणपुर | संगीत - चित्रगुप्त | फ़िल्म - आधी रात के बाद | वर्ष - 1965

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र : बहुत हसीं हैं तुम्हारी आँखें कहो तो मैं इनसे प्यार कर लूँ
ल : बड़ा है धोखा तेरी नज़र में मैं किस तरह ऐतबार कर लूँर : ये भीनी भीनी हवा की ख़ुश्बू महक है तेरे ही तन बदन की
ल : स.म्भल के बोलो चटक ना जाए कोई नवेली कली चमन की
र : मेरी कली तुम अगर कहो तो मैं ज़िन्दगी को बहार कर लूँ
बहुत हसीं हैं ...ल : हज़ार बातें हैं ऐसी दिल में जो रुक गईं हैं ज़ुबां पे आके
र : जो बात लब पे मचल रही है वो आज कह दूँ नज़र मिला के
ल : किसी के होके ये चैन खो के मैं दिल को क्यूँ बेक़रार कर लूँ
बहुत हसीं हैं ...ल : गिनों ना अब धड़कनें हमारी ना और लो इम्तेहाँ हमारा
र : इसे ना समझो तुम आजमाइश यही तो उल्फ़त का इशारा
ल : अगर ये सच है तो मरते दम तक मैं आपका इंतज़ार कर लूँ
बहुत हसीं हैं ...