इक सुनहरि शाम थी बहकी बहकी जिंदगी - The Indic Lyrics Database

इक सुनहरि शाम थी बहकी बहकी जिंदगी

गीतकार - अजीज कश्मीरी | गायक - आशा भोंसले, उषा? | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - ये रात फिर ना आएगी | वर्ष - 1966

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एक सुनहरी शाम थी
एक सुनहरी शाम थी
बहकी बहकी ज़िन्दगी
राह में हम तुम
मिले मेरी पलकों के
ठाले आशियाँ तेरा बन गया
एक सुनहरी शाम

दो कदम मिलाकर चले
तो फासले कम हो गए
दो कदम मिलाकर चले
तो फासले कम हो गए
प्यार ने दुनिया बदल दी
क्या से क्या हम हो गए
शोले शबनम हो गए
एक सुनहरी शाम

शाम तो अब तक वही है
रंग है लेकिन जुड़ा
जाने किस वाड़ी में अपना
क़ाफ़िला ग़म हो गया

फिर है दिल तनहा मेरा
एक सुनहरी शाम थी
बहकी बहकी ज़िन्दगी
राह में हम तुम
मिले मेरी पलकों के
ठाले आशियाँ तेरा बन
गया एक सुनहरी शाम

शाम तो अब तक वही
है रंग है लेकिन जुड़ा
शाम तो अब तक वही
है रंग है लेकिन जुड़ा
जाने किस वादी में
अपना काफिला ग़म हो गया
फिर है दिल तनहा मेरा
एक सुनहरी शाम थी
बहकी बहकी ज़िन्दगी राह
में हम तुम मिले
मेरी पलकों के तले
आशियाँ तेरा बन गया
एक सुनहरी शाम.