नव कल्पना नव रूप से - The Indic Lyrics Database

नव कल्पना नव रूप से

गीतकार - शंभू सेन | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - शंभू सेन | फ़िल्म - मृग तृष्णा | वर्ष - 1975

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नव कल्पना नव रूप से
रचना रची जब नार की
सत्यम शिवम सुंदरम से
शोभा बढ़ी संसार की
कला की दासी कामिनी
सोलह कला परिपूर्ण है
विश्व में विषकन्या के ये नाम से प्रसिद्ध है
हाव भाव अनुभाव से सेवा करे भगवान की
चन्द्रमा सो मुख सलोनो
श्याम वर्णा केश है
नैनों से मृगनयनी है
वाणी मधुर उच्चारती
नृत्य गान त्रिकधान पूजा
इनका धरम है आरती
देव लोक की देवदासी
सुंदर रूप लुभावनी
पैंजन कंचुकी करधनी
सोलह श्रृंगार सुहावनी
शंख डमरू झाँझ झालर
नूपुर ध्वनि मनमोहनी