ओ महाबुबा तेरे दिल के पास ही हैं - The Indic Lyrics Database

ओ महाबुबा तेरे दिल के पास ही हैं

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मुकेश | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - संगम | वर्ष - 1964

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ओ महबूबा!
ओ महबूबा!
ओ महबूबा तेरे दिल के पास ही है मेरी मंज़िल-ए-मक़्सूद
वो कौन सी महफ़िल है जहाँ तू नहीं मौजूद
ओ महबूबा ...गुज़रूँ मैं इधर से कभी, गुज़रूँ मैं उधर से
मिलता है हर इक रासता, जा कर तेरे दर से
ओ महबूबा ...बाहों के तुझे हार मैं पहनाऊँगा इक दिन
सब देखते रह जायेंगे, ले जाऊँगा इक दिन
ओ महबूबा ...किस बात से नाराज़ हो, किस बात का है ग़म
किस सोच में डूबी हो तुम, हो जायेगा संगम
ओ महबूबा ...