ये देश है विर जवांनों का: - The Indic Lyrics Database

ये देश है विर जवांनों का:

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - नया दौर | वर्ष - 1957

View in Roman

ये देश है वीर जवानों का अलबेलों का मस्तानों का
ओ ...
ओ ... अति वीरों की
ये देश है वीर जवानों का
अलबेलों का मस्तानों का
इस देश का यारों ... होय!!
इस देश का यारों क्या कहना
ये देश है दुनिया का गहनाओ... ओ...
यहाँ चौड़ी छाती वीरों की
यहाँ भोली शक्लें हीरों की
यहाँ गाते हैं राँझे ... होय!!
यहाँ गाते हैं राँझे मस्ती में
मस्ती में झूमें बस्ती मेंओ... ओ...
पेड़ों में बहारें झूलों की
राहों में कतारें फूलों की
यहाँ हँसता है सावन ... होय!!
यहाँ हँसता है सावन बालों में
खिलती हैं कलियाँ गालों मेंओ... ओ...
कहीं दंगल शोख जवानों के
कहीं कर्तब तीर कमानों के
यहाँ नित नित मेले ... होय!!
यहाँ नित नित मेले सजते हैं
नित ढोल और ताशे बजते हैंओ... ओ...
दिलबर के लिये दिलदार हैं हम
दुश्मन के लिये तलवार हैं हम
मैदां में अगर हम ... होय!!
मैदां में अगर हम दट जाएं
मुश्किल है के पीछे हट जाएंहुर्र हे !! हा!!
हुर्र हे !! हा!!
हुर्र हे !! हा!
अड़िपा! अड़िपा! अड़िपा!