होंथों पे जान चलिए आएगी - The Indic Lyrics Database

होंथों पे जान चलिए आएगी

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - किशोर कुमार | संगीत - बप्पी लाहिड़ी | फ़िल्म - पतिता | वर्ष - 1980

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होंठों पे जान चली आएगी
नैनों में नींद नहीं आएगी
रैना नहीं ये नागिन है
ऐसा लगे हम दोनों को ये इक साथ डस जाएगीतेरी आधी जागी आधी सोई सोई आँखें
ऐसे पलकों के झरोखों से झाँके
जैसे मेरी तू दुल्हन है
ऐसा है तो मेरे सपनों की सूनी सेज सज जाएगीकोई दूजा नहीं खाली घर लगता है
खालि घर में भी थोड़ा डर लगता है
दुनिया दिलों की दुशमन है
ऐसे हमें किसी ने जो देखा तो कहानी बन जाएगीतुझे इस नैनों वाली डोली में बिठा दूँ
अंग छूके कली से मैं फूल बना दूँ
ये लट मगर एक उल्झन है
तू ही बता किसे मेरी प्रीत भला कैसे सुलझ आएगी