उठेगी तुम्हारी नज़र धीइरे धिइरे - The Indic Lyrics Database

उठेगी तुम्हारी नज़र धीइरे धिइरे

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - चित्रगुप्त | फ़िल्म - एक राज | वर्ष - 1963

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उठेगी तुम्हारी नज़र धीरे धीरे -३
मुहब्बत करेगी असर धीरे धीरेये माना खलिश है अभी हल्की हल्की
खबर भी नहीं है तुम को मेरे दर्द-ए-दिल की
कहबर हो रहेगी मगर धीरे धीरे
उठेगी तुम्हारी नज़र ...मिलेगा जो कोई हसीं चुपके चुपके
मेरी याद आ जायेगी वहीं चुपके चुपके
सतायेगा दर्द-ए-जिगर धीरे धीरे
उठेगी तुम्हारी नज़र ...सुलगते हैं कब से इसी चाह में हम
पड़े हैं निगाहें डाले इसी राह में हम
कि आओगे तुम भी इधर धीरे धीरे
उठेगी तुम्हारी नज़र ...