फिर चलने वाले हमाराही जब हो मस्तान: - The Indic Lyrics Database

फिर चलने वाले हमाराही जब हो मस्तान:

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - उदित नारायण, हेमा सरदेसाई | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - पुकार | वर्ष - 1999

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फिर चलने वाले रुकते हैं कहाँहमराही जब हो मस्ताना मौज में हो दिल दीवानाफिर चलने वाले रुकते हैं कहाँये खुमार ये नशा जवाँ बेख़ुदीअब न कोई नगर न कोई गलीदिन वहाँ रात यहाँडगमग चलना शहरों में बाज़ारों मेंमहके-महके फिरना गुलज़ारों मेंहम दिलवाले चँचल ऐसे तौबाहलचल सी पड़ जाये दिलदारों मेंइस मस्ती में सब चलता हैअब कोई क्या सोच रहा हैहम मतवाले क्या जानेंचढ़ती जवानी तेरी-मेरीमिल जाने में काहे की है देरीजोश में आके चल निकले हैं हम याराहोने दे धड़कन की हेरा-फेरीप्यार की रस्में फिर सोचेंगेठीक है क्या और गलती क्या हैहम मतवाले क्या जानें