सखी री नहीं आ सजनवा मोरी - The Indic Lyrics Database

सखी री नहीं आ सजनवा मोरी

गीतकार - तनवीर नकवी | गायक - नूरजहां | संगीत - गुलाम हैदर | फ़िल्म - गुलनार (पाकिस्तानी-फिल्म) | वर्ष - 1953

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सखी री नहीं आए सजनवा मोर
पापी पपीहारा पी घर आवे
मोरे अंगना शोर मचावे
मुझ बिरहन का जिया जलावे
आग लगे नैनन नगरी,
जल जावे करमवा मोर
सखी री नहीं आए ...झूटे थे सब वादे उन के
झूटी थीं सब क़समें
जब से गए वो भूल गए
उलफ़त की सारी रसमें
याद पड़े अखियां बरसें
हिर्दे में लगत है शोर
सखी री नहीं आए ...किस को सुनाऊं
कौन सुने गा दर्द भरा अफ़सान
हर पल ऐसे गुज़रे जैसे
गुज़रा एक ज़माना
उजड़ गई दुनिया दिल की
कित जाए बसे चित चोर
सखी री नहीं आए ...