हम उनकी मस्त आँखों के मस्ताने बन गए - The Indic Lyrics Database

हम उनकी मस्त आँखों के मस्ताने बन गए

गीतकार - प्रेम धवन | गायक - तलत महमूद | संगीत - गोविंद राम | फ़िल्म - नक़ाब | वर्ष - 1955

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हम उनकी मस्त आँखों के मस्ताने बन गए
बस एक ही जल्वे में हम दीवाने बन गए

दम भर की मुलाक़ात ने ये जादू कर दिया
हम हुस्न की इस शम्मा के परवाने बन गए

दिल इस तरह से खो गया उनके ख़याल में
कि हम तो अपने आप से बेगाने बन गए

वो उनकी पर्दादारियाँ वो उनकी बेरुख़ी
दिल मेरा लूटने के ये बहाने बन गए$