गीतकार - एस एच बिहारी | गायक - हेमंत | संगीत - हेमंत कुमार | फ़िल्म - अरब का सौदागर | वर्ष - 1956
View in Romanतेरा ही आसरा है, ओ दो जहाँ वाले
है बेकसों की कश्ती मालिक तेरे हवाले
ईसा को तूने ज़ालिमों के पंजों से था छुड़ाया
मूसा को तूने मौजों में भी रस्ता दिखाया
बरबाद हो रही है दुनिया मेरी, बचा ले
कश्ती ये क्यों है तूने तूफ़ान से बचाई
मैंने तुझे पुकारा मालिक तेरी दुहाई
सुन ले किसीके दिल से निकले हुए ये नाले
रहम-ओ-करम पे तेरे दुनिया की ज़िंदगी है
तू मारे या बचा ले मालिक तेरी ख़ुशी है
मिटती हो अगर मोहब्बत मुझको भी तू मिटा दे$