क्या मुझे प्यार है कैसा खुमार है - The Indic Lyrics Database

क्या मुझे प्यार है कैसा खुमार है

गीतकार - निलेश मिश्रा | गायक - केके | संगीत - प्रीतम | फ़िल्म - वो लम्हे | वर्ष - 2006

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क्यों आजकल नींद कम ख़्वाब ज़्यादा है
लगता ख़ुदा का कोई नेक इरादा है
कल था फ़क़ीर आज दिल शहजादा है
लगता ख़ुदा का कोई नेक इरादा है
क्या मुझे प्यार है कैसा खुमार है
पत्थर के इन रस्तों पे फूलों की एक चादर है
जब से मिले हो हमको बदला हर एक मंज़र है
देखो जहां में नीले-नीले आसमां तले
रंग नए नए हैं जैसे घुलते हुए
सोए से ख़्वाब मेरे जागे तेरे वास्ते
तेरे ख़यालों से है भीगे मेरे रास्ते
तुम क्यों चले आते हो हर रोज़ इन ख़्वाबों में
चुपके से आ भी जाओ एक दिन मेरी बाहों में
तेरे ही सपने अंधेरों में उजालों में
कोई नशा है तेरे आँखों के प्यालों में
तू मेरे ख़्वाबों में जवाबों में सवालों में
हर दिन चुरा तुम्हें मैं लाता हूँ ख्यालों में