क्यालों पे मेरे छाए हुए हम पे दिल आया तो बोलो - The Indic Lyrics Database

क्यालों पे मेरे छाए हुए हम पे दिल आया तो बोलो

गीतकार - कमर जलालाबादी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले, शमशाद बेगम | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - दो उस्ताद | वर्ष - 1959

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र : ख़्यालों पे मेरे छाए हुए मालूम होते हो
नहीं आए हुए मगर आए हुए मालूम होते होआ : हम पे दिल आया तो बोलो क्या करोगे
हमने तड़पाया तो बोलो क्या करोगेर : तेरे रंगीं हुस्न पे मैं हो के पागल
थाम लूँगा काँपते हाथों से आँचल
आ : हाथ न आया आँचल तो बोलो क्या करोगे
हमने तड़पाया ...र : होगी एक दिन बेख़बर तेरी जवानी
ज़ुल्फ़ के साए में सो जाऊँगा रानी
आ : न मिला साया तो बोलो क्या करोगे
हमने तड़पाया ...र : होगी तेरे बिन जो सूनी मेरी रातें
ख़्वाब में तुमसे करूँगा दिल की बातें
आ, श : ख़्वाब न आया तो बोलो क्या करोगे
हमने तड़पाया ...