हे नदिया किनारे हे राय आइ कंगना - The Indic Lyrics Database

हे नदिया किनारे हे राय आइ कंगना

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - अभिमान | वर्ष - 1973

View in Roman

हे नदिया किनारे हे राई, आई कंगना
ऐसे उलझ गए, अनाड़ी सजना
नदिया किनारे ...काहे पनघट ऊपर, गई थी चलके अकेली
मारे हँस हँस ताना, सारी सखियाँ सहेली
गोरी और जाओ न मानो कहना
नदिया किनारे ...अब खड़ी खड़ी सोचूँ
देखी है सास ननंदीया सब का करी है बहाना
अब तो सूनी कलाई लै के चोरी चोरी जाना
भारी पड़ा रे पिया से मिलना
नदिया किनारे ...