क्या मिल गया भगवान तुम्हे दिल को दुखाके - The Indic Lyrics Database

क्या मिल गया भगवान तुम्हे दिल को दुखाके

गीतकार - Nil | गायक - नूरजहां | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - अनमोल घडी | वर्ष - 1946

View in Roman

क्या मिल गया भगवान तुम्हे दिल को दुखाके
अरमानों की नगरी में मेरी आग लगा के
हम सोच रहे थे कभी दिल दिल से मिलेंगे
जीवन में मोहब्बत के कभी फूल खिलेंगे
ये क्या थी ख़बर तुमको न आयेगी दया भी
रख दोगे किसी दिन मेरी दुनिया को मिटाके
आकाश ही दुश्मन नहीं दुश्मन है ज़मीं भी
दुःख दर्द के मारों को नहीं चैन कहीं भी
इस जीने से अब मौत ही आ जाए तो अच्छा
जब छूट गया हाथ उनका मेरे हाथों में आके
मालूम न था खांक में मिल जायेंगे एक दिन
खुद अपनी ही हम आग में जल जायेंगे एक दिन
तुमसे तो ये उम्मीद न थी जल के खेवैया
नय्या को डुबो दोगे किनीरे ही पे लाके