क्या लिखूं, कैसे लिखूं - The Indic Lyrics Database

क्या लिखूं, कैसे लिखूं

गीतकार - रवींद्र जैन | गायक - हेमलता | संगीत - रवींद्र जैन | फ़िल्म - मान अभिमान | वर्ष - 1980

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क्या लिखूं, कैसे लिखूं, लिखने के भी काबिल नहीं
यूँ समझ लीजे कि मैं पत्थर हूँ मुझमें दिल नहीं
हर कदम पर आपने समझा सही मैंने गलत
अब सफाई पेश कर के भी कोई हासिल नहीं
इस तरह बढ़ती गईं कुछ रास्ते की उलझनें
सामने मंज़िल थी मैं कहती रही मंज़िल नहीं
मैं ये मानूं या न मानूं दिल मेरा कहने लगा
अब मेरी नज़दीकियों में दूरियां शामिल नहीं
(जिन किलों में बंद थी मैं मिट गए वो टूटकर
अब कोई बंदिश नहीं पहरा नहीं मुश्किल नहीं)