इन आंखों की मस्‍ती के मस्‍ताने हजारों हैं - The Indic Lyrics Database

इन आंखों की मस्‍ती के मस्‍ताने हजारों हैं

गीतकार - शहरयारी | गायक - आशा भोंसले | संगीत - खैय्याम | फ़िल्म - उमराव जान | वर्ष - 1981

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इन आँखों की मस्ती के मस्ताने हज़ारों हैं
इन आँखों से वाबस्ता अफ़साने हज़ारों हैं
इन आंखों...इक तुम ही नहीं तन्हा, उलफ़त में मेरी रुसवा
इस शहर में तुम जैसे दीवाने हज़ारों हैं
इन आँखों...इक सिर्फ़ हम ही मय को आँखों से पिलाते हैं
कहने को तो दुनिया में मयखाने हज़ारों हैं
इन आँखों...इस शम्म-ए-फ़रोज़ाँ को आंधी से डराते हो
इस शम्म-ए-फ़रोज़ाँ के परवाने हज़ारों हैं
इन आँखों...