नज़र के सामने मुजे भी मौत का पैगाम आ जाए - The Indic Lyrics Database

नज़र के सामने मुजे भी मौत का पैगाम आ जाए

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - लुटेरा | वर्ष - 1955

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नज़र के सामने जब लुट गया जहाँ मेरा
कोई बताये के कौन आयें(?) अब कहाँ मेरा(मुझे भी मौत का पैग़ाम आ जाये तो अच्छा हो)-२
हमेशा के लिये आराम आ जाये तो अच्छा हो(तुम्हारे साथ जीने की तमन्न की, हुई रुख़सत)-२
अगर अब ज़िंदगी की शाम आ जाये तो अच्छा हो
मुझे भी मौत...(मुबारक हो तुझे तो अब खुशी के जाम ऐ दुनिया)-२
(यहाँ तो ज़हर का इक जाम आ जाये तो अच्छा हो)-२
मुझे भी मौत...