तक़दीर की गर्दिश क्या कम थी - The Indic Lyrics Database

तक़दीर की गर्दिश क्या कम थी

गीतकार - शकील | गायक - लता | संगीत - गुलाम मोहम्मद | फ़िल्म - सितारा | वर्ष - 1955

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तक़दीर की गर्दिश क्या कम थी
उस पर ये क़यामत कर बैठे
बेताबी-ए-दिल जब हद से बढ़ी
घबराके मुहब्बत कर बैठे
तक़दीर की गर्दिश क्या कम थी
आँखों में छलकते हैं आँसू
दिल चुपके चुपके रोता है
दिल चुपके चुपके रोता है
वो बात हमारे बस की न थी
जिस बात की हिम्मत कर बैठे
तक़दीर कि गर्दिश क्या कम थी
ग़म हम ने ख़ुशी से मोल लिया
उस पर भी हुई ये नादानी
उस पर भी हुई ये नादानी
जब दिल की उम्मीदें टूट गई
क़िस्मत से शिकायत कर बैठे
तक़दीर की गर्दिश क्या कम थी
उस पर ये क़यामत कर बैठे$