काब बिखरे हैं सुहाने क्या क्या: - The Indic Lyrics Database

काब बिखरे हैं सुहाने क्या क्या:

गीतकार - मोहसिन नकवीक | गायक - गुलाम अली | संगीत - गुलाम अली | फ़िल्म - महताब (गैर फिल्म) | वर्ष - 1992

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ख़ाब बिखरे हैं सुहाने क्या क्या
लुट गये अपने ख़ज़ाने क्या क्यामुड़ के देखा ही था माज़ी की तरफ़
आ मिले यार पुराने क्या क्याआज देखी है जो तस्वीर तेरी
याद आया है न जाने क्या क्यासिर्फ़ इक तर्क-ए-तअल्लुक़ के लिये
तूने ढूँढे हैं बहाने क्या क्यारात सहरा की रिदा पर 'मोहसिन'
हर्फ़ लिक्खे थे हवा ने क्या क्या