ये लद्दाका हाय अल्लाह कैसा है दीवाना: - The Indic Lyrics Database

ये लद्दाका हाय अल्लाह कैसा है दीवाना:

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - आशा भोंसले, किशोर कुमार | संगीत - आर डी बर्मन | फ़िल्म - हम किसी से कम नहीं | वर्ष - 1977

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आशा:
(ये लड़का हाय अल्लाह कैसा है दीवाना
कितना मुश्क़िल है तौबा इसको समझाना
के धीरे-धीरे दिल बेक़रार होता है
के होते होते होते, प्यार होता है) -२ये लड़का हाय अल्लाह ...(हमने तो इतना देखा, हमने तो इतना सीखा
दिल का सौदा होता है सौदा ज़िंदगी का) -२
मिलते ही कैसे कोई होता है दीवाना
कितना मुश्क़िल है तौबा इसको समझाना
के धीरे-धीरे दिल बेक़रार होता है
के होते होते होते, प्यार होता है(हो सकता है देखो न, समझो मिट्टी को सोना
पल भर का हँसना हो जाए जीवन भर का रोना) -२
देखो जळी में कभी दिलको न लगाना
कितना मुश्क़िल है तौबा इसको समझाना
के धीरे-धीरे दिल बेक़रार होता है
के होते होते होते, प्यार होता हैकिशोर:
(भोली हो तुम क्या जानो, अब भी मुझको पहचानो
सपना तुम्हारा मैं हूँ, मानो या न मानो) -२
देखो नादानी से मुझे न ठुकराना
नहीं तो गाती ही रहोगी ये तराना
के धीरे-धीरे दिल बेक़रार होता है
के होते होते होते, प्यार होता है