चाहे कोई मुझे जंगली कहे - The Indic Lyrics Database

चाहे कोई मुझे जंगली कहे

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - जंगली | वर्ष - 1961

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या..हु..
चाहे कोई मुझे जंगली कहे
कहने दो जी कहता रहे
हम प्यार के तूफानों में घिरे हैं हम क्या करें
या..हु..
मेरे सीने में भी दिल है
हैं मेरे भी कुछ अरमां
मुझे पत्थर तो न समझो
मैं हूँ आख़िर एक इन्सां
राह मेरी वही, जिसपे दुनिया चली
एक मुद्दत से ये तूफां
मेरे सीने में थे बेचैन
क्या छुपाऊं, क्या छुपा है
जब मिलते हैं नैन से नैन
सब्र कैसे करूं, क्यों किसी से डरूं
सर्द आहें कह रही हैं
है ये कैसी बला की आग
सोते सोते ज़िंदगानी घबराके उठी है जाग
मैं यहाँ से वहाँ, जैसे ये आसमां