मैं राही भटकने वाला हूँ - The Indic Lyrics Database

मैं राही भटकने वाला हूँ

गीतकार - हसरत | गायक - मुकेश | संगीत - शंकर-जयकिशन | फ़िल्म - बादल | वर्ष - 1951

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मैं राही भटकने वाला हूँ
कोई क्या जाने मतवाला हूँ
ये मस्त घटा मेरी चादर है
ये धरती मेरा बिस्तर है
मैं रात में दिन का उजाला हूँ
कोई क्या जाने
ये बिजली रात दिखाती है
मंज़िल पे मुझे पहुँचाती है
मैं तूफ़ानों का पाला हूँ
कोई क्या जाने
मैं मचलूँ तो इक आग भी हूँ
मैं झूमूँ तो इक राग भी हूँ
दुनिया से दूर निराला हूँ
कोई क्या जाने