आलि री रोको ना कोई ए री जाने ना डुंगी - The Indic Lyrics Database

आलि री रोको ना कोई ए री जाने ना डुंगी

गीतकार - भरत व्यास | गायक - लता मंगेशकर, मीना कपूर, मन्ना दे | संगीत - अनिल बिस्वास | फ़िल्म - अंगुलिमाल | वर्ष - 1960

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ाली री
करने दो मुझको मनमानी
आज मेरे घर आये वो प्रीतम
जिनके लिए सब नगरी छानि
आज कोई बंधन ना भाये
आज है खुल खेलन की ठानी

ऐ री जाने न दूँगी
मै तो अपने रसिक को नैनो में रख लूंगी
पलकें मूंद मुण्ड
ऐ री जाने न दूँगी

ालको में कुदाल डालो और देह सुगढ़ रचाओ
जो देखे मोहित हो जाए ऐसा रूप सजाओ
आज सखी
माँ प् धा नि धा
प् ध प् प् सा ध
रे सा ध

आआ
मई दर्शन-जल की बूंद बूंद
ऐ री जाने न दूँगी
ऐ री जाने न दूँगी

मधुर मिलन की दुर्लभ बेला यूँ ही बीत न जाए
ऐसी रेन जो व्यर्थ गवाएं
जीवन भर पछताए
सेज सजाओ
माँ प् धा नि धा
रे सा ध
आआ
ले आओ कलियाँ गुंड गुंड
ऐ री जाने न दूँगी
मै तो अपने रसिक को नैनो में रख लूंगी
पलकें मूंद मुण्ड
ऐ री जाने न दूँगी