नैनों में दर्पन है दर्पन में कोई - The Indic Lyrics Database

नैनों में दर्पन है दर्पन में कोई

गीतकार - माया गोविंद | गायक - लता - किशोर | संगीत - भूपेन हजारिका | फ़िल्म - आरोप | वर्ष - 1974

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नैनों में दर्पन है दर्पन में कोई
देखूँ जिसे सुबह शाम
बोलो जी बोलो ये राज़ खोलो
हम भी सुने दिल को थाम
या तो धरती, या है गगन
या तो है सूरज, या है पवन
उसका तो साजन है नाम
मस्ती में गाये दिल को लुभाये
कानों में मिसरी सी घोले
बोलो जी बोलो ये राज़ खोलो
मेरा भी मन आज डोले
या तो कोयल की है रागिनी
या तो पायल है या बाँसुरी
उसका तो सजनी है नाम
बहकी बहकी चाल है उसकी
झूमे वो आवारा
बोलो जी बोलो ये राज़ खोलो
किसकी तरफ है इशारा
या तो जोगी है या पागल
या तो बादल है या आँचल
उसका तो प्रीतम है नाम