दुनिया में हर किसी की क़िस्मत जुदा-जुदा है - The Indic Lyrics Database

दुनिया में हर किसी की क़िस्मत जुदा-जुदा है

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - सहगान | संगीत - पंकज मलिक | फ़िल्म - छोटा भाई | वर्ष - 1949

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एक अनोखा ग़म

एक अनोखा ग़म

एक अनोखा ग़म, अनोखी सी मुसीबत हो गई

हाये, एक अनोखा ग़म, अनोखी सी मुसीबत हो गई

जिन को देखा तक नहीं, उन से मुहब्बत हो गई

हाये, एक अनोखा ग़म

ख़ाक्? है दिल को चले जाने का ग़म तो रातदिन

जब से आई है जवानी, इक मुसीबत हो गई

हाये, एक अनोखा ग़म

पहले वो हालत कि, अंगारों पे हम

अब ज़माना हम पे हँसता है, ये हालत हो गई

हाये, एक अनोखा ग़म