बेचेन रहती हैं आंखें क्या यही प्यार हैं - The Indic Lyrics Database

बेचेन रहती हैं आंखें क्या यही प्यार हैं

गीतकार - मदन पाली | गायक - कुमार शानू, अलका याज्ञनिक | संगीत - बाबुल बोस | फ़िल्म - प्यार दीवाना होता है | वर्ष - 1992

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बेचैन रहती हैं आँखें न जाने क्यूँ दिल बेकरार है
तुम बिन इक पल जी न सकूँ मैं क्या यही प्यार हैसितारे तो पहले भी थे आसमां पर
नहीं थी मगर रोशनी उनमें दिलबर
तेरे साथ ये चाँदनी दिलनशीं है
हर एक शै जवाँ है हर एक शै हसीं है
मैं तो मैं हूँ फिर भी मुझ पर तेरा अख्तियार है
क्या यही प्यार है ...मेरे हमसफ़र हो जहाँ तेरी बाहें
वहीं पर रुकें हर तमन्ना की राहें
जिसे मैने ख़्वाबों में महबूब माना
वो तू है नहीं और कोई दीवाना
सोच रही हूँ तुझ पर इतना क्यों ऐतबार है
क्या यही प्यार है ...हाँ हाँ यही प्यार है -२