चल बादलों से आगे - The Indic Lyrics Database

चल बादलों से आगे

गीतकार - एस एच बिहारी | गायक - हेमंत, आशा | संगीत - हेमंत कुमार | फ़िल्म - एक झलक | वर्ष - 1957

View in Roman

चल बादलों से आगे
कुछ और ही समा है
हर चीज़ है निराली
हर ज़िंदगी जवाँ है )-2

आ: (जिसे देखने को मेरी
आँखें तरस रही हैं )-2
वो जगह जहाँ से हरदम
उजला बरस रही है
मेरी ख़्वाब की वो दुनिया
बतलाओ तो कहाँ है
हर चीज़ है निराली
हर ज़िंदगी जवाँ है

हे: चल बादलों से आगे ...$