जंगल में कांड - The Indic Lyrics Database

जंगल में कांड

गीतकार - अमिताभ भट्टाचार्या | गायक - विशाल डदलनी, सुखविंदर सिंग, सिद्धार्थ बसरूर | संगीत - सचिन जिगर | फ़िल्म - भेड़िया | वर्ष - 2022

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हेय हेय मरते हैं
हम रोज़ मरते हैं
जीना है जीना है
जीना है आज की रात

करते हैं
मनमर्जी करते हैं
पीने के पीने के
पीने के पीने के बाद

हेय हो हो मरते हैं
हम रोज़ मरते हैं हूं
जीना है जीना है
जीना है आज की रात हो

करते गए
मनमर्जी करते गए
पीने के पीने के
पीने के पीने के बाद

दिल का कबूतर
खुला सांड हो गया
आजा आजा आजा
आजा आजा आजा

जंगल में कांड हो गया
आऊ…

आजा आजा आजा
आजा आजा आजा

आजा आजा आजा
आजा आजा आजा
आजा आजा आजा
आजा आजा आजा
आ इला लाला ला
आ आ इला लाला ला
आ इला लाला ला
आ आ इला लाला ला
आ इला लाला ला
आ आ इला लाला ला
आ इला लाला ला
आ आ इला लाला ला

क्या किया कब किया हूं
तूने गजब किया
दिल को कलंदर किया
वीराने सीने में
ठहरे तालाबों को
छू के समंदर किया

हां तन्हाई के वन वे से
आजा आजा आजा
सीधा तेरे रनवे पे
आजा आजा आजा

हो तन्हाई के वन वे से
सीधा तेरे रनवे पे
उड़नखटोला दिल का लैंड हो गया

जंगल में जंगल में
जंगल में जंगल में
जंगल में कांड हो गया
आऊ…