गोंद है किसी के प्यार मन दिल सुबह शाम - The Indic Lyrics Database

गोंद है किसी के प्यार मन दिल सुबह शाम

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर, किशोर कुमार | संगीत - आर डी बर्मन | फ़िल्म - रामपुर का लक्ष्मण | वर्ष - 1972

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किशोर:गुम है किसी के प्यार में, दिल सुबह शाम
पर तुम्हें लिख नहीं पाऊँ, मैं उसका नाम
हाय राम, हाय राम
रंधीर:कुछ लिखा?
रेखा:हाँ
रंधीर:क्या लिखा?
लता: गुम है किसी के प्यार में, दिल सुबह शाम
पर तुम्हें लिख नहीं पाऊँ, मैं उसका नाम
हाय राम, हाय राम
रेखा: अच्छा, आगे क्या लिखूँ?
रंधीर:आगे?किशोर:सोचा है एक दिन मैं उससे मिलके
कह डालूँ अपने सब हाल दिल के
और कर दूँ जीवन उसके हवाले
फिर छोड़ दे चाहे अपना बना ले
अब तो जैसे भी मेरा हो अंजामगुम है किसी के प्यार में, दिल सुबह शाम
पर तुम्हें लिख नहीं पाऊँ, मैं उसका नाम,
हाय राम, हाय राम
रंधीर:लिख लिया?
रेख:हाँ
रंधीर:ज़रा पढ़के तो सुनाओलता: चाहा है तुमने जिस बावरी को
वो भी सजनवा चाहे तुम्हीं को
नैना उठाए तो प्यार समझो
पलकें झुका दे तो इक़रार समझो
रखती है कब से छुपा छुपा के
रंधीर:क्या?
लता:अपने होंठों में पिया तेरा नामगुम है किसी के प्यार में, दिल सुबह शाम
पर तुम्हें लिख नहीं पाऊँ, मैं उसका नाम
हाय राम, हाय राम