पहले भी जिते द मगर जबसे मिली है जिंदगी - The Indic Lyrics Database

पहले भी जिते द मगर जबसे मिली है जिंदगी

गीतकार - निदा फाजली | गायक - हरिहरन, आशा भोंसले | संगीत - हरिहरन | फ़िल्म - आबशार-ए-ग़ज़ल (गैर फ़िल्म) | वर्ष - 1985

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पहले भी जीते थे मगर जबसे मिली है ज़िंदगी
सीधी नहीं है दूर तक उलझी हुई है ज़िंदगीअच्छी भली थी दूर से जब पास आई खो गई
जिसमें न आये कुछ नज़र वो रोशनी है ज़िंदगीहर रास्ता अन्जान सा हर फलसफ़ा नादान सा
सदियों पुरानी है मगर हर दिन नई है ज़िंदगीमिट्टी हवा बन कर उड़ी घूमी फिरी वापस मुड़ी
क़बरों पे क़तबों की तरह लिक्खी हुई है ज़िंदगी