ओ परवाने शम्मा को अपनी रुसवा ना करना - The Indic Lyrics Database

ओ परवाने शम्मा को अपनी रुसवा ना करना

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - सुरैया | संगीत - हुस्नलाल-भगतराम | फ़िल्म - शमा परवाना | वर्ष - 1954

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ओ परवाने शम्मा को अपनी रुसवा न करना -२
ओ परवाने( रुसवा किया गर तूने मुझी को
क्या मुँह दिखाऊँगी मैं किसी को ) -२
ओ परवाने दुनिया हँसेगी ऐसा न करना
ओ परवाने शम्मा को अपनी रुसवा न करना
ओ परवाने( ये इम्तेहा है चुप-चाप जल जा
ढल जा वफ़ा के साँचे में ढल जा
साँचे में ढल जा ) -२
ओ परवाने सबको सिखा जा जल-जल के मरना
ओ परवाने शम्मा को अपनी रुसवा न करना
ओ परवाने( उल्फ़त है बाक़ी हर चीज़ फ़ानी
ये ख़त्म होती है अब ये कहानी ) -२
ओ परवाने आती हूँ मैं भी दम भर ठहरना -२
ओ परवाने -२