हर एक बात - The Indic Lyrics Database

हर एक बात

गीतकार - ग़ालिब | गायक - प्रतिभा बघेल | संगीत - संजय लीला भंसाली | फ़िल्म - सुकून | वर्ष - 2022

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आ.. आ..

हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है
हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है
तुम्हीं कहो कि ये अंदाज़-ए-गुफ़्तगू क्या है
हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है

रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ाइल
रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ाइल

जब आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है
तुम्हीं कहो कि ये अंदाज़-ए-गुफ़्तगू क्या है
हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है

हुआ है शह का मुसाहिब फिरे है इतराता
हुआ है शह का मुसाहिब फिरे है इतराता

वगरना शहर में ग़ालिब की आबरू क्या है
तुम्हीं कहो कि ये अंदाज़-ए-गुफ़्तगू क्या है
हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है