परदेसियों से ना आंखियां मिलाना - The Indic Lyrics Database

परदेसियों से ना आंखियां मिलाना

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - जब जब फूल खिले | वर्ष - 1965

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परदेसियों से ना अँखियां मिलाना
परदेसियों को है इक दिन जानाआती है जब ये रुत मस्तानी
बनती है कोई न कोई कहानी
अब के बस देखे बने क्या फ़सानासच ही कहा है पंछी इनको
रात को ठहरे तो उड़ जाएं दिन को
आज यहाँ कल वहाँ है ठिकानाबागों में जब जब फूल खिलेंगे
तब तब ये हरजाई मिलेंगे
गुज़रेगा कैसे पतझड़ का ज़मानाये बाबुल का देस छुड़ाएं
देस से ये परदेस बुलाएं
हाय सुनें ना ये कोई बहानाहमने यही एक बार किया था
एक परदेसी से प्यार किया था
ऐसे जलाए दिल जैसे परवानाप्यार से अपने ये नहीं होते
ये पत्थर हैं ये नहीं रोते
इनके लिये ना आँसू बहानाना ये बादल ना ये तारे
ये कागज़ के फूल हैं सारे
इन फूलों के बाग न लगानाहमने यही एक बार किया था
एक परदेसी से प्यार किया था
रो रो के कहता है दिल ये दीवाना