धूप - The Indic Lyrics Database

धूप

गीतकार - सिद्धार्थ, गरिमा | गायक - श्रेया घोषाल | संगीत - संजय लीला भंसाली | फ़िल्म - रामलीला | वर्ष - 2013

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ओ ओ ओ…
धूप से छन के
धूप से छन के धुँआ मन हुआ
रूप ये चमके
तन अन छुआ
छिड़ते हैं बजते हैं
तार जो मन के खनके झनके हैं
कुछ तो हुआ
धूप से छन के धुँआ मन हुआरोम-रोम नापता है
रगों में सांप सा है
सरारा सरारा भागे बेवजह
सरके है खिसके है
मुझ में ये बस के दस के
दिल गया
दंत बिन दावा आ आ

धूप से छन के धुँआ मन हुआ
छिड़ते हैं बजते हैं
तार जो मन के खनके झनके हैं

ओ ओ ओ
आ आ आ
आ आ