ये जो थोड़े से हैं पैसे - The Indic Lyrics Database

ये जो थोड़े से हैं पैसे

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - कुमार सानू | संगीत - राजेश रोशन | फ़िल्म - पापा कहते हैं | वर्ष - 1996

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ये जो थोड़े से हैं पैसे
खर्च तुम पर करूं कैसेअगर कहीं इक दुकान होती जहां पे मिलते गगन के तारे
मैं सारे तारे खरीद लेता तुम्हारे आँचल में टांक देता
मगर क्या करूं मैं कि ये जानता हूँ तारे मिलते नहीं ऐसे
ये जो थोड़े से हैं ...अगर कहीं इक दुकान होती जहां पे मिलते हसीन सपने
मैं सारे सपने खरीद लाता तुम्हारी पलकों पे मैं सजाता
मगर क्या करूं मैं कि ये जानता हूँ सपने मिलते नहीं ऐसे
ये जो थोड़े से हैं ...मैं जानता हूँ
कहां ये पैसे कहां मुहब्बत
कहां ये ज़र्रे कहां वो परबत
कहां ये कागज़ की एक नाव कहां वो जज़्बात का बहाव
ये सच है मगर फिर भी मैं सोचता हूँ
ये जो थोड़े से हैं ...