गीतकार - सिद्धार्थ – गरिमा | गायक - श्रेया घोषाल | संगीत - संजय लीला भंसाली | फ़िल्म - सुकून | वर्ष - 2022
View in Romanहो.. आ..
तुझे भी चाँद
तुझे भी चाँद
जरा सा दिखता है क्या
जला सा दिखता है क्या
अपने घर से
तुझे आसमाँ
ये नीला दिखता है क्या
ये गिला दिखता है क्या
अपने घर से
हम्म..
ये तेरे आंखों में
भरा रहता है क्यों
ये तेरे राहों में
खड़ा रहता है क्यों
इन गलियों में भी
सुकुं बिकता है क्या
जरा सा दिखता है क्या
जला दिखता है क्या
अपने घर से
तुझे भी चाँद जरा सा
आ..
ये गहरी नींद
जग लेता है यूं
ये बैरी मन को छला
देता है यूं
इस चिलमन पे भी
रफू टिकता है क्या
जरा सा दिखता है क्या
जला सा दिखता है क्या
अपने घर से
तुझे आसमाँ
ये नीला दिखता है क्या
ये गिला दिखता है क्या
अपने घर से
तुझे भी चाँद जरा सा
ओ.. आ..
ओ.. आ..