दिल गया तो गया दिलारुबा मिल गया - The Indic Lyrics Database

दिल गया तो गया दिलारुबा मिल गया

गीतकार - कैफ़ी आज़मी | गायक - सहगान, शमशाद बेगम, सुमन कल्याणपुर | संगीत - गुलाम मोहम्मद | फ़िल्म - शाम | वर्ष - 1961

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श: दिल गया तो गया दिलरुबा मिल गया -२
को: दिल गया तो गया दिलरुबा मिल गया -२सु: आपका आसरा मिल गया -२
प्यार को भी ख़ुदा मिल गया मिल गया
दिल गया तो गया दिलरुबा मिल गया -२( चाहता था ये नफ़रत का मारा जहाँ
आ ) -२
एक होने न पायें ज़मीं आसमाँ -२
रोशनी का अंधेरे में घुट जाये दम -२
चाँद जाने न माने चकोरी का ग़म
श: चाँद जाने न माने चकोरी का ग़म
को: चाँद जाने न माने चकोरी का ग़म
सु: ओ
फूल से दूर भँवरा पड़ा तिलमिलाये -२
शमा तक उड़ के परवाना आने ना पाये -२
श: कर गई काम चुपके से नीची नज़र
हो गई दिल धड़कने की दिल को ख़बर
को: हो गई दिल धड़कने की दिल को ख़बर
सु: हो गई दिल धड़कने की दिल को ख़बर
दर्द को एक दर्द-आशना मिल गया -२को: दिल गया तो गया दिलरुबा मिल गया -३सु: ले के अरमान के दिन मुरादों की रात
ग़म की दुनिया में आई ख़ुशी की बारात
होती जाती हैं आबाद तनहाइयाँ
दिल के नज़दीक बजती हैं शहनाइयाँ
श: दिल के नज़दीक बजती हैं शहनाइयाँ
को: दिल के नज़दीक बजती हैं शहनाइयाँ
सु: ओ
अंखड़ियों में लहकने लगे सौ चमन -२
आरज़ूएं बनी जा रहीं हैं दुल्हन
श: ज़िंदगी ले चली है नई राह पर
लग न जाये कहीं मुझको मेरी नज़र
को: लग न जाये कहीं मुझको मेरी नज़र
सु: लग न जाये कहीं मुझको मेरी नज़र
था जो क़िस्मत में उससे सिवा मिल गया -२को: दिल गया तो गया दिलरुबा मिल गया -३सु: आ के मुझको सजाये सँवारे कोई
गूंद दे महकी ज़ुल्फ़ों में तारे कोई
रह न जाये कमीं हुस्न की शान में
टाँक को चाँद कोरे गरेबान में
को: टाँक को चाँद कोरे गरेबान में -२
सु: हो तमन्नायें पूरी तो आये क़ुबूल
मुस्कराये हथेली पे मेहंदी के फूल -२
श: हार नाज़ुक सी गर्दन में दिल में बहार -२
हो मुबारक मोहब्बत को सोलह सिंगार
को: हो मुबारक मोहब्बत को सोलह सिंगार
सु: हो मुबारक मोहब्बत को सोलह सिंगार
दिल गया तो गया दिलरुबा मिल गया -२को: दिल गया तो गया दिलरुबा मिल गया -२
सु: आपका आसरा मिल गया -२
प्यार को भी ख़ुदा मिल गया मिल गया
दिल गया तो गया दिलरुबा मिल गया
को: दिल गया तो गया दिलरुबा मिल गयाको: ( दिल गया तो गया दिलरुबा मिल गया
सु: आ ) -३
को: दिल गया तो गया दिलरुबा मिल गया