अरे ओ रे धरती की तराह हर दुख साह ले - The Indic Lyrics Database

अरे ओ रे धरती की तराह हर दुख साह ले

गीतकार - इन्दीवर | गायक - किशोर कुमार | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - सुहागरात | वर्ष - 1968

View in Roman

अरे ओ रे -२
धरती की तरह हर दुख सह ले सूरज की तरह तू जलती जा -२
सिन्दूर की लाज निभाने को चुप-चाप तू आग पे जलती जा -२
अरे ओ रे ...देखी न ख़ुशी तूने रे कोई -२
जीवन से प्यार भी रूठ गया
जिस घर को मंदिर माना था
वो घर भी तुझसे छूट गया
अरे ओ रे ...अपने युग की हर सीता को -२
शोलों पे बिठाया जाता है
दामन कितना ही पावन हो
पर दोष लगाया जाता है -२
अरे ओ रे ...संसार तुझी से चलता है -२
तेरी कोख से मौत भी हारी है
भगवान की तरह महान है तू
कहने को अबला नारी है
अरे ओ रे ...