आपके भीगे हुए आपके पास जो आएगा - The Indic Lyrics Database

आपके भीगे हुए आपके पास जो आएगा

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - महेंद्र कपूर | संगीत - रवि | फ़िल्म - काजल | वर्ष - 1965

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आप के भीगे हुए जिसम से आँच आती है
दिल को गर्माती है, जज़्बात को भड़काती हैआप के पास जो आएगा, पिघल जाएगा
इस हरारत से जो उलझेगा, वो जल जाएगाआप का हुस्न वो शबनम है जो शोलों में पले
गर्म खुश्बुओं में तपते हुए रँगों में ढले
किसका दिल है जो सम्भाले से सम्भल जाएगाहोंठ हैं या किसी शायर की दुआओं का जवाब
ज़ुल्फ़ हैं या किसी सावन के तलबगार का ख़्वाब
ऐसे जलवों को जो देखेगा मचल जाएगाइस कदर हुस्न ज़माने में न देखा न सुना
उसका क्या कहना जिसे आपने हमराज़ चुना
उसकी तक़दीर का ईनाम बदल जाएगा