रहेगा इश्क तेरा आ आ भी जा रात ढलने लगी - The Indic Lyrics Database

रहेगा इश्क तेरा आ आ भी जा रात ढलने लगी

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - तीसरी कसम | वर्ष - 1966

View in Roman

रहेगा इश्क़ तेरा ख़ाक में मिलाके मुझे
हुए हैं इब्तेदा में रंज इन्तेहा के मुझेआ, आ भी जा
रात ढलने लगी, हो, चाँद छुपने चला
हो आ, आ भी जातेरी याद में बेख़बर, शमा की तरह रात भर-२
जली आर्ज़ू दिल जला, आ, आ भी जासितारों ने मुँह फेरकर कहा अल्विदा हमसफ़र -२
चला कारवाँ अब चला, आ, आ भी जाउफ़क पर खड़ी है सहर, अँधेरा है दिल में इधर -२
वही रोज़ का सिलसिला, आ, आ भी जारात ढलने लगी, चाँद छुपने चला
हो आ, आ भी जा