मौत दिल की धड़कन है - The Indic Lyrics Database

मौत दिल की धड़कन है

गीतकार - लकी अली | गायक - लकी अली | संगीत - लकी अली | फ़िल्म - कांटे | वर्ष - 2002

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दिल की धड़कन है या गोलियों का शोर है
फ़ासले ना बुझ जाएँ ना नज़दीक
आज मिला ले दिल जला ले ज़िंदगी को
न जाने कब मिलेंगे ये नसीब
दिल में जो चैन नहीं रहन नहीं सहन नहीं
ये सवाल तो खाए जाए
जीना तो मौत है ना जाने कब आएगा
किसे बुला के ये किसे ले जाएगामौत जीने के लिए ज़रूरी है ये
मौत कैसे बन गई मजबूरी है ये
मौत लम्हे रुक जाते जब ये आती
मौत साँसों को बाहों में ले के जाती
ज़िंदा हूँ के मर गया या मर के ज़िंदा हो गया
दिल की धड़कनों में ज़िंदगी का शोर है
क्यूँ मनाते हो शोक ऐ हबीब
हर सवाल जवाब का निचोड़ है
ये ख़याल तू कर ले करीब
जीना दुश्वार है प्यार है यार है
भटको तो ये राह दिखाए
जीना तो जीना है मरना है तो मरना है
जिस का वक़्त आया है उसी को चले जाना है
मौत सिर्फ़ राहें बन जाते हैं
मौत नए दौर खुल जाते हैं
मौत लेना देना तब पता चलता है
मौत कमाई का हर्जाना मिलता है
बेख़बर हैं सब ज़िंदगी दुश्वार है
मिल जाए जो वो है नसीब
जीना तो फ़ानी है बाकी सब बयानी है
झूठ ले के जाती है ज़िंदगी
तेरा बुलावा है ये ज़िंदगी का दावा है
मुझे बुलाए ये तुझे भी बुलाए
बन के हवा मुस्कुराए ये
मेरी मौत तेरी मौत इस की उस की सब की बस
मौत जीने के लिए ...