हम थे वो थी और समाँ रंगीन समझ गए ना - The Indic Lyrics Database

हम थे वो थी और समाँ रंगीन समझ गए ना

गीतकार - मजरूह | गायक - किशोर | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - चलती का नाम गाड़ी | वर्ष - 1958

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हम थे वो थी वो थी हम थे
हम थे वो थी और समाँ रंगीन समझ गए ना
जाते थे जापान पहुँच गए चीन समझ गए ना
हे याने याने याने प्यार हो गया
हम थे वो थी ...

खोया मैं कैसे उसकी बातों में
कहता हूँ दम तो लेने दे आह
खोई वो कैसे मेरी बातों में
कहता हूँ दम तो लेने दे आह
क्या-क्या कह डाला आँखों-आँखों में
कहता हूँ दम तो लेने दे आह
हम थे वो थी ...

हो मन्नू तेरा हुआ अब मेरा क्या होगा-2

फुटे बुलबुले दो नैना फड़के
उसने जब देखा मुड़-मुड़ के वाह
जैसे कहती हो सुन रे ओ लड़के
मैने जब देखा मुड़-मुड़ के वाह
फिर दोनों के दिल धक-धक-धक धड़के
दोनों ने देखा मुड़-मुड़ के वाह
हम थे वो थी ...

हो मन्नू तेरा हुआ अब मेरा क्या होगा-2

थोड़ा-थोड़ा सा लम्बा-लम्बा सा
धीरे-धीरे उसने खेंचा हा
फिर उसका पल्लू बन के उसका दास
धीरे-धीरे मैने खेंचा हा
फिर घबराहट में अपना-अपना हाथ
उसने खेंचा मैने खेंचा हा
हम थे वो थी ...$