ऐ जाते हुए लम्होन जरा थाहरो - The Indic Lyrics Database

ऐ जाते हुए लम्होन जरा थाहरो

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - रूप कुमार राठौड़ | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - बॉर्डर | वर्ष - 1997

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ऐ जाते हुए लम्हों ज़रा ठहरो ज़रा ठहरो
मैं भी तो चलता हूँ ज़रा उनसे मिलता हूँ
जो एक बात दिल में है उनसे कहूं
तो चलूं तो चलूं हूं हूं हूं हूं
ऐ जाते हुए लम्हों ...ज़रा ठहरो ज़रा ठहरो
उनके चेहरे की ये नरमियां
उनकी ज़ुल्फ़ों की ये बदलियां
उनकी आँखों के रोशन दिये
उनके होंठों की ये सुर्खियां
सब उनके हैं जलवे मैं चलने से पहले
साँसों में आँखों में ख्वाबों में यादों में
और इस दिल में तुमको छुपा के रखूं
तो चलूं तो चलूं ...ज़रा ठहरो ज़रा ठहरो
मैं कहीं भी रहूं ऐ सनम
मुझको है ज़िंदगी की कसम
फ़ासले आते जाते रहे
प्यार लेकिन नहीं होगा कम
जिन्हें चाहूं जिन्हें पूजूं
उन्हें देखूं उन्हें छू लूं
ज़रा बातें तो कर लूं
ज़रा बाहों में भर लूं
मैं इस चाँद से माथे को चूम लूं
तो चलूं तो चलूं ...