भगवान तेरा इन्सान देख ले है कितना नादान - The Indic Lyrics Database

भगवान तेरा इन्सान देख ले है कितना नादान

गीतकार - एस पी कल्ला | गायक - रफी | संगीत - नारायण दत्त | फ़िल्म - आस्तिक | वर्ष - 1956

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भगवान तेरा इन्सान देख ले है कितना नादान
अरे इसे तो झूठ-साँच की ज़रा नहीं पहचान
देख ले है कितना नादान-2

मूरख मत झूठा भरमाना वरना फिर होगा पछताना
कण-कण में वो बसा हुआ है पाए ना पहचान रे
भगवान तेरा इन्सान ...

राम नाम गाँधी ने गाया दुनिया का बापू कहलाया
जिसके घर दीइप जलाता पूजे सभी जहान रे
भगवान तेरा इन्सान ...

तू पत्थर में प्राण जगा दे धरती और आकाश हिला दे
आँखें होते अन्धे क्यों हैं ये तेरे इन्सान रे
भगवान तेरा इन्सान ...$