जागो बचा लो मुहब्बत का कांटा चुभा हैं - The Indic Lyrics Database

जागो बचा लो मुहब्बत का कांटा चुभा हैं

गीतकार - समीर | गायक - अलका याज्ञनिक, सोनू निगम | संगीत - आनंद, मिलिंद | फ़िल्म - खुल्लम खुल्ला प्यार करें | वर्ष - 2001

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जागो बचालो बचालो बचालो बचालो
बचालो बचालो बचालो बचालो
मुहब्बत का काँटा चुभा है निकालोस.म्भालो स.म्भालो स.म्भालो स.म्भालो
स.म्भालो स.म्भालो स.म्भालो स.म्भालो
मुहब्बत का काँटा चुभा है निकालोथोड़ी थोड़ी बेकरारी हल्का हल्का दर्द है
देख ज़रा छू के दिलजानी दिल का शोला सर्द है
करवट लेके जागती हूँ नींद ना आए रात भर
रहने लगी हूँ अब तो दिलबर खुद से भी मैं बेखबर
होंठों से मुझे जान-ए-जां लगालो
स.म्भालो स.म्भालो ...प्यासी प्यासी धड़कनों में जाने कैसा शोर है
सच कहते हैं दुनिया वाले इश्क़ पे किसका ज़ोर है
तन्हाई में जब अकेले जानम तेरा नाम लूँ
तेरा समझ के मदहोशी में अपना दामन थाम लूँ
गिर जाऊँ ना कहीं मुझको तुम उठालो
बचालो बचालो ...